UP: सरकारी कार्यालयों में अपना कार्य निकलवाने के लिए सरकारी अधिकारियों के पैर छूना तो एक आम बात हो गई है। यहां तक कि पुलिस विभाग में भी अपना कार्य जल्दी करवाने के लिए लोग पुलिस अधिकारियों के पैर छूने लग जाते हैं। इसलिए इस घटना पर शिकोहाबाद के सीओ कमलेश कुमार ने एक पहल शुरू की है। उन्होंने कहा है कि किसी भी फरियादी ने अगर अपना कार्य निकलवाने के लिए सरकारी कर्मचारी के पैर छुए तो उन्हें ₹200 का मुआवजा देना होगा। सीओ द्वारा लिए गए इस निर्णय पर हर कोई विचार कर रहा है।

पुलिस की इमेज को सुधारने के लिए कमलेश कुमार ने एक दीवार पर लिखवाया है कि यदि कोई फरियादी अपना काम कराने के लिए किसी बाबू, कर्मचारी या अधिकारी के पैर छूता है, तो उसे तत्काल ही 200 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।

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देखा जाए तो कमलेश कुमार द्वारा यह सभी फरियादियों के लिए एक नोटिस जारी किया गया है, क्योंकि कमलेश कुमार का कहना है कि सरकारी ऑफिस में काम करने वाले लोग जनता के सेवक है। उनका फर्ज बनता है कि वह अपना कार्य सही ढंग से करें।

यहां तक कि कमलेश कुमार का कहना है कि पैर छूने का नोटिस लगाने की असली वजह यह है कि वह जनता को बताना चाहते हैं कि जनता पूरे सम्मान के साथ सरकारी दफ्तरों में आए, कुर्सी पर बैठे अपनी परेशानी हमें बताएं। हम उनकी परेशानी सुनने के लिए तैयार है। यहां तक कि हम जनता के सेवक हैं।

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किसी के बापूजी नहीं। इसलिए पैर छूने जैसा कोई भी कार्य ना किया जाए। ना ही यह हमारे संस्कार हैं कि हम अपना कार्य निकलवाने के लिए सामने वाले के पैर छुए। देखा जाए तो कई बार बुजुर्ग व्यक्ति अपना परेशानी बताते हुए सरकारी अधिकारियों के पैर छूते हैं। यह बात बड़ी ही शर्मनाक है।

कमलेश कुमार का कहना है कि हम जनता के सेवक हैं, हमें इस कार्य के लिए तनख्वाह दी जाती है। यदि किसी भी सरकारी कर्मचारी या फरियादी ने इस नियम का उल्लंघन किया तो उसके ऊपर भी जुर्माना लगाया जाएगा।

कमलेश कुमार का यह भी कहना है कि लोग पुलिस से ना डरे, बल्कि पुलिस थाने आकर अपनी जो भी परेशानी है, वह बिना डरे सामने वाले को बताएं। किसी भी पुलिस अधिकारी के पैर छूने और विनती करने की जरूरत नहीं है। आप सभी लोग अन्य समान लोगों की तरह ही हमें समझे।

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