रूस और यूक्रेन के युद्ध के 50 दिन होने को आए हैं लेकिन पुतिन के तेवर अभी भी ढीले नहीं पड़ रहे हैं और बल्कि ज्यादा सख्त होते जा रहे हैं अब वह दुनिया को अपने न्यूक्लियर का तेवर दिखा रहे हैं पुतिन एक हफ्ते में दूसरी बार अपने न्यूक्लियर ब्रीफकेस को सार्वजनिक प्रदर्शन किया है पहली बार तब जब 3 मार्च को एक अंतिम संस्कार संस्कार में शामिल होने के केथेड्रल पहुंचे थे तब उनका सेक्रेटरी इस ब्रीफकेस साथ दिखा था।

कोरोना

पुतिन एक हफ्ते में दूसरी बार अपने न्यूक्लियर ब्रीफकेस को सार्वजनिक प्रदर्शन किया है

पुतिन का एक और वीडियो सामने आया है जिसमें वे बेलारूस के तानाशाह एलेक्जेंडरलुकाशें के के साथ है और पुतिन को एक गार्ड के हाथ में न्यूक्लियर ब्रीफकेस दिख रहा है वैसे तो पुतिन का ये ब्रीफकेस दिखने में एकदम किसी साधारण ब्रिफकिस की तरह ही है लेकिन इस ब्रीफकेस में न्यूक्लियर हमले से जुड़े दस्तावेज और अलर्ट अलार्म होते हैं पुतिन कई बार न्यूक्लियर हमले की धमकियां दे चुके हैं उनके साथ न्यूक्लियर ब्रीफकेस की जो तस्वीरें सामने आई है वह पुतिन की मंशा पर सवाल उठाती है इस ब्रीफकेस के जरिए पुतिन न्यूक्लियर अटैक का आदेश दे सकते हैं रूसी भाषा में पुतिन के न्यूक्लियर ब्रीफकेस को चेगेट कहा जाता है जो रूस के पहाड़ के नाम पर रखा गया है रिपोर्ट के अनुसार साल 1987 से ही इस न्यूक्लियस का इस्तेमाल होता आया है यह ब्रीफकेस स्पेशल कोड के जरिए खुलता है और यह कोड क्या है यह केवल पुतिन को ही पता रहता है इसमें लाल और सफेद दोनों ही बटन होते हैं लेकिन हमले का आदेश देने के लिए लाल नहीं बल्कि सफेद बटन दबाना होता है।

कोरोना

इन बटन का इस्तेमाल करके कहीं से भी किसी भी वक्त न्यूक्लियर हमले का आदेश दे सकते हैं और उसके पास इस समय 3 ब्रीफकेस है एक राष्ट्रपति के पास दूसरा रक्षा मंत्री के पास और तीसरा आर्मी के पास लेकिन हमले का आर्डर देने का अधिकार केवल राष्ट्रपति पुतिन के पास ही है इसके जरिए उसके 6000 से ज्यादा परमाणु बम को कंट्रोल किया जाता है इसलिए इसे कड़ी सुरक्षा में भी रखा जाता है दुनिया में पुतिन जिस जगह भी जाते हैं उनका न्यू क्लियर ब्रीफकेस उनके साथ रहता है लेकिन इतना लाइमलाइट में नहीं रहता जितना इन दिनों में है 7 दिनों के अंदर पुतिन द्वारा आठवीं बार ब्रीफकेस के साथ खुले तौर पर देखे गए हैं और अपने न्यूक्लियर ब्रीफकेस की नुमाइश लगाकर पुतिन अमेरिका और पश्चिमी देशों को खुली चुनौती भी दे रहे हैं 49 दिन बाद भी यूक्रेन पर हमले को रूस राइट और अपनी राइट चॉइस बता रहे हैं।

कोरोना

वही बाइडेन मानते हैं कि युद्ध में सब कुछ जायज होता है लेकिन निहत्थे आम नागरिकों को गोलियों से भून देना कायरता ही होती है माना कि युद्ध में जीतने के लिए किसी भी हद से गुजर जाना गुनाह नहीं माना जाता, लेकिन रिहायशी इलाकों पर मिसाइलें गिराना वॉर क्राइम माना जाता है लेकिन माना जाता है कि युद्ध के मैदान में देश के सैनिकों को मरना बहादुरी कहलाता है लकिन निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतारना नरसंहार कहलाता है अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहली बार पुतिन पर यूक्रेन में Genocide यानी जातिसंहार डायरेक्ट आरोप लगाया हैबाइडेन के इन आरोपों की गवाही यूक्रेन के शहर दे रहे हैं, जहां रूसी फौज ने तबाही के साथ-साथ आम नागरिकों का खूब खून बहाया है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *