Vinayak Chaturthi 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने की दोनों पक्षों की चतुर्थी गणेश जी को समर्पित होती है। किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी कहते हैं। फिलहाल जेष्ठ मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। इसको वरद चतुर्थी भी कहते हैं। ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी इस बार कल यानी 3 जून को है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने का बड़ा महत्व होता है।

ज्येष्ठ माह विनायक चतुर्थी 2022 व्रत तिथि :

● ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी तिथि शुभारंभ: 2 जून को गुरुवार रात 12 बजकर 17 मिनट पर

● ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन: शुक्रवार 3 जून को देर रात 2 बजकर 41 मिनट पर

● व्रत प्रारंभ: 3 जून को सुबह से

● व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 56 मिनट से दोपहर 1 बजकर 43 मिनट तक

Vinayak Chaturthi 2022

Vinayak Chaturthi 2022 : व्रत की पूजा विधि

विनायक चतुर्थी व्रत में प्रातः काल स्नान करके लाल या पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल पर भी लाल या पीला वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। बाद में उनका जलाभिषेक कर उनको सिंदूर से तिलक लगाएं। अब उनकी प्रिय चीज दूर्वा, फल, फूल और मिठाई का भोग लगाएं। अब गणेश जी के मंत्रों का जाप करें। पूजा समाप्त करके सभी को प्रसाद वितरण करें और चतुर्थी को पूरे दिन फलाहारी व्रत रखें। अगले दिन पंचमी तिथि को व्रत का समापन करें। पारण के दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करें।

विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व:- विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा की जाती है। पूरे विधि विधान से पूजा करने पर कार्यों में सफलता मिलती है, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। भगवान गणेश जी की कृपा से नौकरी और बिजनेस में तरक्की मिलती है। सभी प्रकार के रोग, कष्ट और दोष दूर होते हैं।

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