Mirzapur: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर (Mirzapur) में स्वामी अड़गड़ानंद आश्रम में हुए गोलीकांड मामले की शुरुआती जांच में 2 विद्यार्थियों के बीच विवाद और दुश्मनी का मामला सामने आया था। आज से 6 महीने पहले आश्रम से निकाले गए जीवन बाबा ऊर्फ जीत आश्रम में अपना बदला लेने दोबारा आए हैं। हालांकि इस विवाद में उनकी मृत्यु हो गई।

Mirzapur

Mirzapur : आश्रम के अंदर गोलीबारी शुरू हो गई

मिर्ज़ापुर (Mirzapur) पुलिस का कहना है कि दोषियों की लड़ाई में आश्रम के अंदर गोलीबारी शुरू हो गई। लेकिन पुलिस पूरी तरह से मामले की छानबीन कर रही है। आश्रम से जुड़े कई लोगों का यह कहना है कि आज से 6 महीने पहले स्वामी अड़गड़ानंद की सेवा करने वाले जीत को तेल फेंकने के विवाद में बाबा आशीष ने डांट फटकार लगा दी थी। इस मामले की शिकायत जीत ने फिर स्वामी अड़गड़ानंद को कर दी थी।

विवाद होने के कारण जीत बाबा को आश्रम छोड़कर जाना पड़ गया था। इस पूरे मामले के लिए जीत, आशीष बाबा को दोषी मानते हैं। जीत बाबा काफी लंबे समय से गायब थे और फिर अचानक बुधवार को वह आश्रम लौट आए। लेकिन जब वह आश्रम आए तो उनका पूरी तरह से हुलिया बदला हुआ था।

Mirzapur : बदले हुए हुलिये से आश्रम के लोग पहचान नहीं पा रहे थे

जीत बाबा ने अपनी दाढ़ी कटवा दी थी और वह पेंट शर्ट पहनकर आश्रम आए थे। बाबा के पास एक बैग था, जिसके अंदर दो बंदूकें, कारतूस पेनकार्ड और आधार कार्ड था। उनका पूरी तरीके से बदले हुए हुलिये से आश्रम के लोग तो उन्हें पहचान ही नहीं पा रहे थे।

आश्रम के लोगों का कहना है कि जैसे ही जीत बाबा और आशीष बाबा एक दूसरे के आमने सामने आए वह दोनों फिर से किसी बात पर बहस करने लगे। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि जीत बाबा ने अपने बैग से बंदूके दोनों हाथ में ले ली और फायरिंग करना शुरू कर दिया। फायरिंग की वजह से आशीष बाबा के पैर पर गोली लग गई जिससे वह घायल हो गए।

पुलिस का कहना है कि आश्रम में लगे सीसीटीवी में साफ साफ दिख रहा है कि जीत बाबा ने आशीष बाबा पर गोलियां बरसाई है। और फिर कुछ देर बाद जीत बाबा ने अपने आप को भी गोली मार ली।

मिर्ज़ापुर (Mirzapur) एएसपी महेश अत्री का कहना है कि आश्रम के लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि जीत बाबा का स्वभाव झगड़ालू था। जिस वजह से उन्हें आश्रम से बाहर निकाला गया।

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