Noida: नोएडा में बिसरख थाना क्षेत्र में जमीनी या फिर प्लॉट खरीदने वाले लोगों से हो रहा है धोखा, सभी लोग हो रहे हैं ठगी का शिकार, एनजीटी के निर्देशानुसार इस क्षेत्र में कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है फिर भी लोग इस क्षेत्र में मकान बना रहे हैं.

Noida: क्या है पुरा मामला

उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में कहीं पर भी प्रॉपर्टी खरीदना बहुत ही महंगा है कोई भी संपत्ति खरीदने के लिए करोड़ों रुपए का भुगतान करना पड़ता है यही सब को देखकर मिडिल क्लास लोगों का नोएडा क्षेत्र में प्रॉपर्टी खरीदने का ख्वाब, ख्वाब बनकर ही रह जाता है लेकिन ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र में कुछ जमीन ऐसी है जो बहुत ही कम दाम पर उपलब्ध करवाई जा रही हैं इसे देखकर मिडिल क्लास लोगों कि नोएडा शहर में जमीन व प्रॉपर्टी खरीदने की उम्मीद जग जाती है इसी में लाखों लोग धोखा खा जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं

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दरअसल दोस्तों पूरा मामला यह है कि नोएडा शहर की हिडन नदी के किनारे की जमीन को एनजीटी ने डूब क्षेत्र घोषित कर रखा है और यह आदेश जारी कर रखा है कि यहां पर कोई भी निर्माण कार्य करना प्रतिबंधित है इन सब के बावजूद भी कई लोग ठगी का शिकार होकर अपने जीवन भर की कमाई और गहने बेचकर इस जमीन को खरीदते हैं और ग्रेटर नोएडा का प्रशासन आकर उनके आशियाने को तोड़ कर चला जाता है

इसका का जवाब किसी के पास नहीं है कि इस डूब क्षेत्र में निर्माण हो कैसे रहे हैं और लोग अपना घर कैसे बनवा रहे हैं और इस जगह की रजिस्ट्री कैसे हो पा रही है जबकि यह तो एनजीटी के द्वारा डूब क्षेत्र घोषित किया जा चुका है

Noida: कई लोगों के टूटे हैं आशियाने

मीडिया से बात करते हुए एक शख्स श्यामसुंदर वीर सिंह तोमर ने बताया कि मैंने 2 साल पहले कर्ज लेकर जमीन खरीदी थी और उस पर घर भी बनवाया मैंने अपनी सारी जमा पूंजी उस पर लगा दी. तभी एक दिन ग्रेटर नोएडा की अथॉरिटी वाले आते हैं और मेरे घर को तोड़ कर चले जाते हैं,उनसे पूछने पर उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र को हमने डूब क्षेत्र घोषित कर रखा है और यहां पर घर बनाना गैरकानूनी है. वही एक शख्स राजेश कुमार बताते हैं की मैंने यहां पर कई बार अपना घर बनाया है और मेरा घर कई बार टूट चुका है

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Noida:ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का क्या है कहना

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के एसीईओ दीपचंद का इस मामले में कहना है कि हमने हिंडन नदी के किनारे के इस पूरे क्षेत्र को डूब क्षेत्र घोषित कर रखा है तथा यहां पर बोर्ड भी लगा रखा है और उस पर साफ-साफ लिखा हुआ है कि इस क्षेत्र को डूब क्षेत्र घोषित किया जा चुका है तथा इस पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता अगर कोई भी निर्माण कार्य किया गया है तो वह गैरकानूनी है और उस गैर कानूनी निर्माण पर एनजीटी के आदेश के अनुसार कार्यवाही की जा सकती है।

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