Lucknow: लखनऊ में एक 82 वर्षीय बीमार बुजुर्ग पिता दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. बुजुर्ग को इस उम्र में उसके दोनों बेटों ने घर से बहार निकल दिया है वहीं बुर्जुग पिता के चार बेटियां भी है उन्होंने भी बुर्जुग पिता से मुंह मोड़ लिया है।
पिता! यह शब्द सुनते ही लोगों के सर सम्मान से झुक जाते हैं पिता, अपने बच्चों के लिए न जाने क्या-क्या करता है वह अपने बच्चों के भविष्य के लिए अपने जीवन भर के खून पसीने की कमाई उन पर लुटा देता है लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जब पिता को बच्चों की जरूरत होती है वह बच्चे पिता को घर से निकाल देते हैं या फिर अनाथालय में छोड़ आते हैं ऐसा ही एक ह्रदय विदारक मामला उत्तर प्रदेश के लखनऊ से सामने आया है
जहां पर एक बुजुर्ग रामेश्वर प्रसाद जिनकी आयु 82 वर्ष है उनके दो पुत्रों ने घर से बाहर निकाल दिया है जबकि पिता की सेहत भी खराब है वह हाथ में यूरिन बैग लेकर दरबदर की ठोकर खाने को विवश है वही बुजुर्गों के 4 बेटियां भी हैं लेकिन चारों बेटियों ने भी अपने बुजुर्ग पिता से मुंह मोड़ लिया है
Lucknow: वन स्टॉप सेंटर ने की मदद
वहीं जब इस पूरे मामले की जानकारी एक एनजीओ वन स्टॉप सेंटर को लगी तो उन्होंने बुजुर्गों की सहायता करने की ठानी और उन्होंने बुजुर्ग को सरोजनी नगर स्थित सार्वजनिक शिक्षोन्नयन संस्थान पहुंचाया है. और बुजुर्ग रामेश्वर प्रसाद की आंखों में यह दर्द साफ देखा जा सकता है कि जब तक उनके पास धन दौलत थी तब तक उनके बच्चे उनका ख्याल रखते थे लेकिन जब उनके पास यह सब नहीं रहा तो उनके बच्चों ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया
Lucknow: बुजुर्ग ने बताइए आप बीती
बुजुर्ग रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी तबीयत खराब हो गई थी तो उनकी बेटी ने उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती करवा दिया फिर वह वहां से चली गई मेरे यूरिन व गैस पास न होने के कारण डॉक्टरों ने मेरे यूरिन बैग लगा दिया बाद मुझे अस्पताल से छुट्टी मिली तो मैं घर गया घर जाने पर मेरे बेटों ने मुझे घर में घुसने नहीं दिया मजबूरी में मैंने पड़ोसियों के यहां दो-तीन दिन रात गुजारी उसके बाद में मेरी बेटियों के पास गया लेकिन उन्होंने भी मदद करने से इंकार कर दिया बाद में में सड़क किनारे ही बैठा रहा तभी वन स्टॉप सेंटर ने मेरी मदद की और उन्होंने मुझे आश्रम पहुंचाया.
Lucknow: बेटों के खिलाफ होगा मुकदमा दर्ज
बुजुर्गों की यह स्थिति देख वन स्टॉप सेंटर ने उनकी मदद की और वन स्टॉप सेंटर सेंटर की प्रभारी अर्चना सिंह ने उनके बेटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है जिससे उनके बुजुर्ग पिता को न्याय मिल सके और बुजुर्ग को उनका आत्मसम्मान और घर वापिस दिलाया जा सके।