Breaking News : अर्जेंटीना से एक बड़ी खबर सामने आ रही है वहां दो लोग मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए गए हैं। यह दोनों ही व्यक्ति स्पेन से अर्जेंटीना लौटे थे, जिससे लैटिन अमेरिका में पहली बार इस संक्रमण की पुष्टि हुई। यह खबर अर्जेंटीना के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी कि ब्यूनस आयर्स का एक व्यक्ति मंकी पॉक्स से संक्रमित है। यह कुछ समय पहले स्पेन से लौटा था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक और व्यक्ति की जानकारी दी जो मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया और स्पेन से लौटा था। अधिकारियों ने इन दोनों लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा, ‘दोनों की हालत स्थिर है। दोनों को आइसोलेशन में रखा गया है और इलाज जारी है।’

Breaking News

Breaking News : स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी भी दी है कि इन संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हुए अन्य लोगों की जांच अभी चल रही है। लेकिन अभी तक किसी में भी संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए हैं। मंकीपॉक्स एक खतरनाक बीमारी है जो स्मॉल पॉक्स और छोटी माता की तरह ही होती हैं। इसमें भी फ्लू जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। इसमें पहले निमोनिया के लक्षण दिखाई देते हैं बाद में बीमारी गंभीर हो जाने पर जानलेवा सेप्सिस के लक्षण दिखाई देते हैं। इसके बाद लिंफ नोड में सूजन आने लगती है और चेहरे और शरीर पर दाने दाने की तरह लाल रैशेज हो जाते हैं। डॉक्टर से बताई जानकारी के अनुसार मंकीपॉक्स के लिए उसी कुल का वायरस जिम्मेदार है, जिस कुल के वायरस स्मॉल पॉक्स के लिए जिम्मेदार है।

मंकीपॉक्स को लेकर भारत सरकार का निर्णय:- मंकीपॉक्स को लेकर भारत सरकार ने भी निर्देश दिए हैं। सरकार ने बताया कि यह एक वायरल जेनेटिक बीमारी है। यह बीमारी मुख्य रूप से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के ऊष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन क्षेत्रों में होती है। कभी-कभी इस रोग का फैलाव अन्य क्षेत्रों में भी हुआ है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों में बुखार, चकते, सूजी हुई लिम्फोनाइड्स जैसे लक्षण मिलते हैं। इस कारण अनेक प्रकार की जटिल परेशानियां हो सकती हैं।

इस बीमारी के लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक दिखाई देने लगते हैं। लेकिन कुछ रोगी काफी गंभीर रूप से बीमार भी हो सकते हैं। इस से पीड़ित लोगों की मृत्यु दर 1 से 10% होती है। यह जानवरों से इंसानों में या एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह वायरस कटी फटी त्वचा (चाहे वह दिखाई ना दे), सांस या म्यूकोसा (आंख, नाक या मुंह) के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *