Ajab Gajab : शंकरगढ़ में काशी एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव की मांग को लेकर के रेल रोको आंदोलन के खिलाफ अब 29 साल बाद कार्रवाई शुरू हुई है। आपको बता दें इस ट्रेन का ठहराव कर दिया गया है लेकिन अब आंदोलन कर्ताओं के सामने एक नई मुसीबत आकर खड़ी हो गई है। इस आंदोलन के आरोपियों में अधिकांश लोग 70 से अधिक उम्र के लोग है। इस बुढ़ापे की उम्र में वह ठीक से चल भी नहीं पाते तो 29 साल पहले के केस में उन्हें कोर्ट के बार-बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

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Ajab Gajab : क्या है मामला

आपकी जानकारी के लिए हम पूरे मामले से आपको रूबरू करवा रहे हैं। दरअसल 2 जुलाई 1993 को शंकरगढ़ के समाजसेवियों ने दलबहादुर सिंह के नेतृत्व में 3003 अप और 3004 डाउन काशी एक्सप्रेस के ठहराव को लेकर करीब 7 घंटे तक रेल रोको आंदोलन चलाया था। आंदोलन के समय ही जीआरपी मानिकपुर ने 16 ज्ञात और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। यह मुकदमा एसीजेएम कोर्ट बांदा के यहां विचाराधीन है। अब मुकदमे से संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

इनके खिलाफ है मुकदमा दर्ज:- दलबहादुर सिंह निवासी बेसन पुरवा, रमाशंकर मिश्र शंकरगढ़, रामसनेही गुप्ता, गोपालदास केसरवानी, रमेश कालिया, जगदीश चौरसिया, मोहनलाल, प्रदीप कुमार, सुनील, बन्ने मियां, छेदी, सुनील, रामबाबू निवासी गण शंकरगढ़, जयराज सिंह निवासी मानिकपुर बांदा है।

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