Kanpur: रेलवे ग्रुप सी पदों पर नौकरी दिलाने का झांसा देने वाले गैंग को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। बेरोजगार व्यक्तियों को नौकरी देने का वादा करने वाले गैंग के पांच सदस्यों को कानपुर (Kanpur) की महाराजपुर पुलिस और स्वाट टीम ने संयुक्त रूप अपनी हिरासत में ले लिया है। पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों को शुक्रवार के दिन कोर्ट में पेश कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।

एडिशनल एसपी आउटर आदित्य कुमार का कहना है कि बीते कुछ महीने पहले 23 अप्रैल को महोली के रहने वाले सोनू वर्मा ने महाराजपुर पुलिस थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया था। सोनू वर्मा ने पुलिस को बताया कि नकली रेलवे जॉइनिंग लेटर देकर गैंग वालों ने उनसे और उनके रिश्तेदारों से 20 लाख 26 हजार रुपए लूट लिए हैं।

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Kanpur: पुलिस ने किया पर्दाफाश

पूरे मामले की छानबीन करते हुए लखनऊ (Lucknow) की महाराजपुर पुलिस ने सर्विलांस की मदद लेकर इन ठगों को शुक्रवार के दिन कानपुर (Kanpur) सेंटर से गिरफ्तार कर लिया है। ठगों की पहचान हो गई है। पुलिस ने बताया है कि प्रयागराज के मांडा बेदौली निवासी रोशन खान, दीपक तिवारी, राम भजन पटेल, झारखंड के साहिबगंज के निवासी सतवीर और हरियाणा के फतेहाबाद भूना निवासी भारत सिंह ऊर्फ मलिक के रूप में पहचान की गई है। पुलिस को इन लोगों के पास से लैपटॉप मोबाइल और फर्जी दस्तावेज मिले हैं।

Kanpur: ऐसे हुई थी मुलाकात

पुलिस का कहना है कि महाराजपुर के रहने वाले सोनू वर्मा कॉम बीएससी के छात्र दीपक तिवारी ने रेलवे में नौकरी लगाने का भरोसा दिया था। सोनू वर्मा, दीपक तिवारी की बातों में आकर अपने तीन रिश्तेदारों को भी नौकरी के लिए मिलाने लगे। पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने 4 लोगों से करीब 20 लाख रुपए नौकरी लगाने के बहाने ले लिए थे। ठगों ने पैसे लेने के बाद इन चारों को रेलवे का जोइनिंग लेटर पकड़ा दिया। लेकिन कुछ दिनों बाद ही इस बात का खुलासा हो गया कि वह लोग इन्हें ठगकर फरार हो चुके हैं।

Kanpur: फर्जी ऑफिसर बनकर मिलते थे

आरोपी रोशन को इस बात का पहले से पता था कि रेलवे भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इसका साथी दीपक तिवारी बेरोजगार लड़कों को फंसाकर रोशन के पास लेकर आता था। जब इन लोगों के पास एडवांस का पैसा आ जाता था। वैसे ही यह बेरोजगार लड़कों को प्रयागराज तीर्थ रेलवे के दफ्तर में ले जाया करते थे। उच्च अधिकारियों से मुलाकात कराने के बहाने इन लोगों को होटल में रुकने के लिए कहा करते थे।

एमकॉम पास किए हुए सतवीर और इंटरमीडिएट पास भरत लोगों से रेलवे के उच्च अधिकारी बनकर मिला करते थे। सतवीर लड़कों से फर्जी परीक्षा कराने का काम किया करता था। वहीं दूसरी और लड़कों को भरोसा दिला कर उनसे पैसे लूट लिया करते थे। इस पूरी गैंग के बारे में पुलिस पूरी तरह से छानबीन कर रही है, ताकि इनके पहले के गुनाह भी सामने आ जाए।

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