Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। एक युवक जो कि पीसीएस अधिकारी बनने का सपना देख रहा था। उसी ने 4 साल की मासूम बच्ची के साथ घिनौनी हरकत को अंजाम दे दिया।

ऐसा बताया जा रहा है कि इस युवक ने कुछ समय पहले पीसीएस मुख्य परीक्षा दी थी। 4 साल की मासूम बच्ची ने जब अपनी मां को सारी बातें बताई, तब पूरा परिवार आरोपी के घर शिकायत लेकर पहुंच गए। लेकिन आरोपी व्यक्ति भी महिला के घर अपने कुछ साथियों को लेकर महिला को धमकाने के लिए चला गया। यह पूरा मामला प्रयागराज (Prayagraj) के धूमनगंज इलाके की है।

Prayagraj: चार साल की मासूम से गंदी हरकत

प्रयागराज (Prayagraj) के धूमनगंज इलाके में एक व्यक्ति अपने सपरिवार के साथ रहा करता था। उसी की एक 4 साल की मासूम बच्ची भी थी। 4 साल की मासूम बच्ची का पिता रेलवे स्टेशन पर वेटर का काम करता है।

आरोप यह है कि घटना वाले दिन 4 साल की बच्ची अपने भाई के साथ घर के बाहर ही खेल रही थी। दोनों बहन भाई खेल रहे थे कि उसी वक्त पड़ोस में रहने वाले रत्नेश के घर मासूम बच्ची का भाई चला गया और बच्ची भी अपने भाई के पीछे पीछे चली। वहां जाने के बाद रत्नेश 4 साल के बच्चे को छत पर ले गया और उसके प्राइवेट अंगों के साथ छेड़छाड़ करने लगा।

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Prayagraj: पीड़िता की मां ने कराया केस दर्ज

मासूम बच्ची ने जब शोर शराबा मचाना चालू किया तो रत्नेश ने उसे छोड़ दिया। बच्ची ने तुरंत ही घर आकर अपनी मां को सारी बातें बता दी। जब बच्ची की मां ने सारी बातें सुन ली तो वह रत्नेश के घर शिकायत लेकर चली गई।

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लेकिन यहां तो रत्नेश ही मासूम बच्ची के घर अपने कुछ लोगों को ले जाकर उनके परिवार वालों को धमकाना शुरू कर दिया। मासूम बच्ची की मां ने पुलिस थाने में जाकर तुरंत ही पुलिस को सारी बातें बता दी। जिसके बाद पुलिस ने बच्ची के साथ घिनौनी हरकत करने के मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है।

Pryagraj: डिजिटल दुष्कर्म का है आरोप

इंस्पेक्टर धूमनगंज राजेश मौर्या ने बताया कि पास्को एक्ट, डिजिटल दुष्कर्म, परिवार को धमकाने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा लिखकर आरोपी को गिरफ्तारी कर लिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रत्नेश PCS और Bihar PCS की भी परीक्षा दे चुका।

पुलिस का इस मामले में कहना है कि कोई भी व्यक्ति अगर बिना लड़की के इजाजत के उसके प्राइवेट पार्ट के साथ किसी भी प्रकार की हरकत करता है, तो उसे डिजिटल दुष्कर्म कहा जाता है। इस मामले में आरोपी को कम से कम 5 से 10 साल की सजा दी जाती है।

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