UP: ईश्वर की भक्ति में खोए हुए 22 साल के साधु वेश सुधारी लड़के ने गांव के बाहर बने मंदिर की जमीन में वहां के पुजारियों की मदद से मोक्ष की प्राप्ति के लिए समाधि ले ली जब इसकी सूचना पुलिस को लगी तो पुलिस ने समय पर पहुंचकर उस युवक की जान बचा ली.
कभी-कभी लोग ईश्वर की भक्ति में इतना लीन व रम जाते हैं कि उन्हें सही गलत कुछ भी पता नहीं होता चाहे उससे उनकी जान पर ही क्यों ना बन आए. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव के एक गांव ताजपुर से सामने आया है.
इस गांव में एक 22 वर्षीय साधु वेश धारी लड़का मोक्ष की प्राप्ति के लिए 4 पुजारियों की मदद से मंदिर के पास की जमीन में समाधि ले ली. यह तो गनीमत रही कि पुलिस वहां पर समय से पहुंच गई जिससे उस युवक की जान बच गई पुलिस ने इन चारों पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है
बांगरमऊ के सीओ पंकज कुमार ने जानकारी दी कि युवक के गांव वालों ने पुलिस को सूचना दी थी कि गांव का एक युवक शुभम गांव के बाहर बने मंदिर के पास की जमीन में शाम को समाधि लेने वाला है इस सूचना पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची. पुलिस जब तक वहां पहुंचती उससे पहले ही शुभम ने समाधि ले ली थी और उन चारों पुजारियों द्वारा उसके ऊपर लाल झंडा लगाया जा रहा था पुलिस ने आते ही जल्दी से वहां की मिट्टी को हटाया और शुभम को जिंदा ही बाहर निकाल लिया शुभम लगभग 7 मिनट तक अंदर रहा. पुलिस ने चारों पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है.
पूछताछ में पुजारियों ने बताया कि शुभम लगभग 4 साल से यहां पर काली की पूजा कर रहा था शुभम ने ही उन्हें यह सब करने के लिए कहा था पुजारियों ने कहा कि हमने शुभम को बहुत समझाया था पर वह नहीं माना तो हमने उसे जमीन में लेटा कर उसे समाधि दे दी
UP: क्या कहा शुभम ने
शुभम ने बताया कि वह मोक्ष पाना चाहता था इसलिए उसने नवरात्रि से 1 दिन पहले समाधि लेने का संकल्प लिया था वही शुभम शुभम के पिता ने कहा कि कुछ साल पहले उसकी मां की मौत हो गई थी उसके बाद ही शुभम गांव के बाहर बने मंदिर के पास ही झोपड़ी बनाकर वहां रहता था और वहां पर पूजा पाठ करता था।