UP: अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई एक मौत। वक्त पर खून ना चढ़ाए जाने के कारण 12 घंटे बाद युवक की मौत हो गई। ऐसा बताया जा रहा है कि केजीएमयू (KGMU) ट्रॉमा सेंटर में एक व्यक्ति को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। लेकिन उसे करीब 12 घंटे तक खून नहीं चढ़ाया गया। यहां तक कि व्यक्ति का हीमोग्लोबिन बहुत कम हो चुका था। युवक के परिवार वाले अस्पताल में डोनर कार्ड लेकर भटकते रहे।

लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। ऐसा बताया जा रहा है कि शनिवार की दोपहर को व्यक्ति तड़प तड़प कर मर गया। युवक के परिवार वालों ने जूनियर डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डॉक्टरों की तरफ से ब्लड बैंक से खून दिलाने की कोई मदद नहीं की गई है।

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यूपी (UP) के प्रयागराज्य के रहने वाले राजेंद्र का बेटा आदित्य अप्लास्टिक एनीमिया का शिकार था। शुक्रवार की रात को आदित्य की हालत काफी ज्यादा बिगड़ने लग गई थी। आदित्य की हालत बिगड़ती देख कर परिवार वाले घर के नजदीक के अस्पताल में ले गए। लेकिन वहां के डॉक्टरों ने आदित्य को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। ऐसा बताया जा रहा है कि राजेंद्र अपने बेटे को करीब 1:30 बजे अस्पताल ले आए थे।

जब डॉक्टरों ने आदित्य के हीमोग्लोबिन की जांच की तो पता चला कि उसका स्तर 3 के करीब पहुंच चुका है। जिसके बाद डॉक्टरों ने परिवार वालों को कहा कि आप जल्द से जल्द खून का इंतजाम कीजिए।

परिवार वालों का कहना है कि उनके पास डोनर कार्ड था, जो उन्होंने डॉक्टर को दिखाया। लेकिन डॉक्टर इस कार्ड को अमान्य बता रहे थे। राजेंद्र का कहना है कि वह अपने बेटे को लेकर अस्पताल में ही रहे, लेकिन डॉक्टरों ने उनके बेटे का इलाज नहीं किया। यहां तक कि डॉक्टर चाहते तो ब्लड बैंक से खून दिलाने की कोशिश कर सकते थे।

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करीब 12 घंटे बीत गए और जब बच्चे को खून नहीं मिला तो शनिवार की दोपहर को आदित्य की तड़प तड़प कर मौत हो गई। रोते बिलखते पिता ने यह कहा कि अगर डॉक्टर उसे दो यूनिट खून भी चढ़ा देते तो शायद उनका बेटा बच जाता। वहीं दूसरी ओर केजीएमयू (KGMU) के जूनियर डॉक्टर का कहना है कि ऐसा नहीं है कि आदित्य का अस्पताल में इलाज नहीं किया गया है। परिवार वाले शिकायत करेंगे तो संबंधित जूनियर डॉक्टरों पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।

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